Copy paste फेसबुक सेवा सत साहेब हैरान का अंग जरना का अंग पतीव्रता का अंग सुमिरन का अंग गुरुदेव का अंग सबही दोहे Ch 1 Click me हैरान का ang सुरति निरती लगी नहीं, मुख से जपिया नाम...दोजक धक्के खावेगा , बिना सुरति के काम...1 आठ पहर आगे रहे , पलक बिच्छूड नहीं जाए...ऐसी मूर्ति अजब है , तिल में रही समाए...2 मन बुद्धि से अगम है , सूरती निरती नहीं जाए...पिंड ब्रम्हांड से न्यारा है , सो पल में दिया दिखाए...3 शून्य समाना गगन में, गगन समाना शून्य... पुण्य समाना पाप , पाप समाना पुण्य...4 नैन मुदकर देख ले , कर नैनो दीदार...5 सर्व कला सुभानगति, जगमग होइ... अनुरागी पथ परमहंस, राखे सूरत समोई...6 चित जो चाकर जो रटे, ध्यान जो चंदा चकोर...सो सुक्षम के मेहरमी , वो उड़े बिन डोर...7 नाम नाम सब कोई कहे, नाम ना चीन्हे कोई...8 सूरती निरती के अंतरे, अवगत शब्द समंद.. 9 Vvi लय का ang लय लागी तब जानिओ, जब जग से रहे उदास... नाम ...
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